नई दिल्ली : केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्पष्ट किया कि, देश में उर्वरकों, विशेष रूप से यूरिया और डीएपी का पर्याप्त भंडार है, और केंद्र किसानों को लगभग 2.25 लाख करोड़ रुपये वार्षिक सब्सिडी प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि, भारत के पास दिसंबर तक यूरिया और डीएपी का पर्याप्त भंडार है और सरकार रबी और खरीफ सीजन के लिए किसानों को उर्वरकों की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।उन्होंने कहा कि, देश यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की राह पर है और बिहार में बरौनी इकाई और झारखंड में सिंदरी अक्टूबर से सालाना 25 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि, उर्वरक विभाग देश में किसानों को रियायती दर पर उर्वरक उपलब्ध कराता है और खुदरा दुकानों पर लगाए गए PoS उपकरणों के माध्यम से किसानों को यूरिया का 45 किलो का एक बैग 266 रुपये में बेचा जाता है।किसानों के लिए सब्सिडी वाले यूरिया के दुरुपयोग, डायवर्जन या कालाबाजारी को रोकने के लिए, मंत्रालय ने फ्लाइंग स्क्वॉड का गठन किया है। समर्पित अधिकारियों की यह टीम उर्वरक और संबंधित इकाइयों का औचक निरीक्षण करती है और घटिया खाद की आपूर्ति पर भी नजर रखती है।
सूत्रों ने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में छह महीने के बाद उर्वरक की कीमतों में कमी आ सकती है और भारत ने पहले ही खरीफ और रबी सीजन के लिए उर्वरकों का स्टॉक कर लिया है। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि, कृषि के अलावा, यूरिया का उपयोग राल, गोंद, प्लाईवुड, क्रॉकरी और औद्योगिक खनन विस्फोटक जैसे कई अन्य क्षेत्रों में किया जाता है।मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यूरिया के डायवर्जन में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।