नई दिल्ली : चीनी मंडी
सऊदी अरब और रूस आपूर्ति बाजारों से गुजरने के लिए पर्याप्त कच्चे तेल का उत्पादन नहीं कर सकते और दूसरी तरफ विश्व बाजारों से ईरान के तेल के कार्गो गायब हो रहे है, इसके चलते इस साल की शुरुआत के बाद इस हप्ते क्रूड की कीमते सबसे उपरी स्तर पर पहुँच चुकी है।
रुसी ऊर्जा मंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि, कच्चे तेल की कीमतें इस शरद ऋतु में 100 अमेरिकी डॉलर हो सकती हैं, क्योंकि अमेरिकी दबाव के कारण ओपेक के तीसरे सबसे बड़े निर्माता ईरान से निर्यात घट सकती है । सऊदी अरब के ऊर्जा और उद्योग मंत्री खालिद अल-फलीह ने कहा कि, हम उत्पादन को बढ़ावा दे रहे है और रिफाइनरों की आपूर्ति करेंगे ।
स्ट्रेट्स एडवाइजर्स एलएलसी के वरिष्ठ तेल बाजार विश्लेषक एशले पीटरसन ने कहा, हम भविष्य में आपूर्ति के बारे में बहुत डर की स्थिती देख रहे हैं। सऊदी अरब उत्पादन को बढ़ावा देने और उच्च कीमतों को कम करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से तीव्र दबाव बढ़ा रहा है।
यूबीएस ग्रुप एजी के विश्लेषक जियोवानी स्टैनोवो ने कहा, सौदी की मांग बढ़ रही है, क्योंकि ईरान की मात्रा गिर रही है। नवंबर डिलीवरी के लिए वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) शुक्रवार को न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर 74.34 डॉलर प्रति बैरल हो गया। सप्ताह के दौरान कीमतों में 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
लंदन स्थित आईसीई फ्यूचर्स यूरोप एक्सचेंज पर दिसंबर के ब्रेंट क्रूड की कीमत 84.16 अमेरिकी डॉलर थी । मर्कुरिया एनर्जी ग्रुप लिमिटेड ने पिछले महीने कहा था कि, ब्रेंट इस वर्ष की चौथी तिमाही में 100 अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की रफ्तार पकड सकता है और ट्रैफिगुरा समूह अगले साल की शुरुआत में इसकी उम्मीद करता है। जबकि गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक बुल्लिश नही है, वॉल स्ट्रीट बैंक साल के अंत में 80 अमेरिकी डॉलर से ऊपर तेल की कीमत टिकने में जोखिम देखता है।