गोंडा, उत्तर प्रदेश: मैजापुर चीनी मिल की नए सत्र से प्रतिदिन 32 हजार क्विंटल की जगह 40 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई होगी। साथ ही मिल द्वारा डिस्टलरी प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
जागरण डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी मिल प्रबंधन पेराई क्षमता बढ़ाने व डिस्टलरी के लिए 400 करोड़ रुपये खर्च करेगा। मिल क्षेत्र में गन्ने का रकबा सालों साल बढ़ रहा है, और मिल की पेराई क्षमता कम पड़ रही है। गन्ने से चीनी बनाने के साथ साथ अब मैजापुर चीनी मिल इथेनॉल भी उत्पादन करेगी। इसके लिए 350 किलोलीटर की क्षमता का डिस्टलरी प्लांट स्थापित किया जाएगा। साथ ही जिले की मनकापुर चीनी मिल भी पेराई क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रही है। मिल की पेराई क्षमता 75 हजार क्विंटल से बढ़कर 85 हजार क्विंटल होगी।
इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन (ISMA) द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में गन्ने का रकबा 23.12 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है, जबकि 2020-21 सीजन में 23.07 लाख हेक्टेयर था। ISMA उपज के साथ-साथ चीनी रिकवरी में मामूली वृद्धि की उम्मीद कर रहा है और इस प्रकार 2021-22 सीजन में एथेनॉल के उत्पादन के लिए डायवर्जन के बिना अनुमानित चीनी उत्पादन लगभग 119.27 लाख टन होने की उम्मीद है।
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