हापुड़: ड्राइवरों की हड़ताल का असर चीनी मिलों की पेराई पर होते दिख रहा है, और अगर हड़ताल लंबी खिचती है तो और बुरा असर देखने को मिल सकता है। सिंभावली चीनी मिल की बात की जाये तो मिल को पूरी क्षमता से पेराई करने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि दो सौ से भी अधिक ट्रकों का संचालन बंद होने से अब ट्रॉलों के माध्यम से ही क्रय केंद्रों से गन्ने की आपूर्ति कराया जाना मजबूरी हो गई है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के मुताबिक, यातायात कानून में बदलाव को लेकर संसद में पारित कराए गए बिल के विरोध में आंदोलन शुरू किया गया हैं, जिसके कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट बुरी तरह प्रभावित होने के साथ ही सिंभावली चीनी मिल के पेराई कार्य पर भी गंभीर संकट मंडराने लगा है। ग्रामीण अंचल में स्थित मिल के क्रय केंद्रों से गन्ना लाने के लिए दो सौ से भी अधिक ट्रक लगाए हुए हैं, परंतु ड्राइवरों के हड़ताल पर जाने से अब वे शोपीस बनकर खड़े हो गए हैं। जिसके चलते चीनी मिल में आनेवाले गन्ने की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होने से पेराई कार्य को संकट बढ़ता जा रहा है।
मिल प्रबंधन ने वैकल्पिक तौर पर ट्रकों की भरपाई करने के लिए फिलहाल ट्रॉलों का सहारा लिया हुआ है, परंतु गन्ने की आपूर्ति लगातार घटती जा रही है। चीनी मिल के प्रशासनिक अधिकारी दिनेश शर्मा के अनुसार, ड्राइवरों की हड़ताल के कारण दो सौ से अधिक ट्रक न चलने पर गन्ने की आपूर्ति लगातार प्रभावित हो रही है, जिसके चलते फिलहाल ट्रॉलों की वैकल्पिक व्यवस्था कर क्रय केंद्रों से गन्ने की सप्लाई मंगाई जा रही है।