औरंगाबाद: 2020-2021 गन्ना पेराई सत्र गुरुवार को शुरू हुआ, लेकिन यह दीखता हुआ नजर आ रहा है की, Covid -19 महामारी के कारण इस साल गन्ना कटाई श्रमिकों की संख्या कम हो सकती है, जिसका सीधा असर कटाई पर हो सकता है। जिसके चलते चीनी मिलों ने मशीन हार्वेस्टर का विकल्प चुना है और मशीनों की तलाश शुरू कर दी है। साथ ही श्रमिकों द्वारा मजदूरी बढ़ाने की माग को लेकर हड़ताल शुरू है, जिससे पेराई सीजन प्रभावित होने की सम्भावना दिखाई दे रही है। मार्च में लॉकडाउन की घोषणा होने पर अधिकांश श्रमिक चीनी मिलों में अटक गए थे और एक महीने बाद अपने घर लौट सके। अब, उनमें से ज्यादातर जो मराठवाड़ा में रहते हैं, उनको पश्चिमी महाराष्ट्र की चीनी मिलों द्वारा पहले ही एडवांस (अग्रिम भुगतान) देकर पेराई के लिए तैयार किया गया है। चीनी उद्योग से जुड़े लोगों ने महामारी का हवाला देते हुए कटाई मशीनों की तलाश शुरू कर दी है।
पिछले पेराई सत्र के लिए किसानों को उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) भुगतान करने में विफल रहने के कारण चीनी आयुक्तालय ने इस पेराई सत्र के लिए कई चीनी मिलों के लाइसेंस रोक रखे हैं। कई चीनी मिलें बकाया का भुगतान करने के लिए धन जुटाने के लिए भागमभाग कर रहीं हैं।
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