पेराई सत्र 2023-24: उत्तर प्रदेश में पंजीकृत 46 लाख गन्ना किसानों को 2.75 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी

उत्तर प्रदेश प्रदेश में गन्ना विकास विभाग किसानों के हित में निरन्तर कार्य कर रहा है। सरकार द्वारा छोटे गन्ना किसानों को विशेष प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। यह प्रदेश सरकार की कृषक हितैषी नीतियों का ही परिणाम है कि गन्ना विकास विभाग द्वारा पेराई सत्र 2023-24 से प्रदेश के लगभग 10.74 लाख पंजीकृत छोटे गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति में आमूल-चूल परिवर्तन कर छोटे कृषकों को गन्ना आपूर्ति में प्राथमिकता देते हुए 60 कुन्तल की जगह 72 कुन्तल के सट्टाधारकों को छोटे कृषक का दर्जा दिया है।

वर्तमान पेराई सत्र के अन्तर्गत अब तक प्रदेश में पंजीकृत 46 लाख गन्ना किसानों को 2.75 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी की गयी हैं, जिनमें 10.74 लाख छोटे गन्ना किसानों को मिलने वाली 19.20 लाख एस.एम.एस. गन्ना पर्चियां सम्मिलित हैं। स्मार्ट गन्ना किसान व्यवस्था के माध्यम से किसानों के गन्ने की आपूर्ति चीनी मिलों को सही समय पर हो रही है। सहकारी गन्ना समितियों के पर्ची निर्गमन एवं अन्य कार्यों में शुचिता तथा पारदर्शिता लाये जाने हेतु डिजिटलीकरण के अन्तर्गत विकसित की गई स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट गन्ना किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।

छोटे गन्ना किसानों से संबंधित तथ्यात्मक आंकड़ों पर यदि हम नजर डालें तो प्रदेश में 45 गन्ना उत्पादक जिले हैं, जिनमें सीतापुर, कुशीनगर एवं लखीमपुर जिलों में सर्वाधिक तथा कासगंज, बदायूं एवं देवरिया में सबसे कम आपूर्तिकर्ता छोटे गन्ना किसान हैं। वर्तमान सट्टा नीति के अनुसार छोटे गन्ना किसानों को चीनी मिल चलने के 45 दिन के भीतर पेड़ी गन्ना और 01 फरवरी से 45 दिन के भीतर पौधा गन्ना के लिये पर्ची देने का प्राविधान भी किया गया है।

शासन द्वारा प्रदत्त दिशा-निर्देशों के क्रम में स्मार्ट गन्ना किसान(एस.जी.के.) प्रोजेक्ट के अन्तर्गत किसानों को मिलने वाली सुविधाओं एवं विभागीय काम-काज का अनुश्रवण करते हुए आज आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में समस्त परिक्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि प्रदेश के किसानों को मिलने वाली एस.एम.एस. पर्ची एवं गन्ना आपूर्ति में कोई कठिनाई न आने पाये। इस हेतु विभागीय अधिकारी अनुश्रवण, फील्ड विजिट, गन्ना किसानों के साथ प्रत्यक्ष संवाद के माध्यम से किसानों की समस्याओं का तत्काल गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित करायें।

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