पुणे/कोल्हापुर: एक तरफ इस बात की चर्चा है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, वहीं दूसरी तरफ किसान चीनी मिल में गन्ना आपूर्ति करने में व्यस्त है। चीनी आयुक्तालय द्वारा अब तक 175 चीनी मिलों को पेराई लाइसेंस दिया जा चुका है और 25 से अधिक मिलें अब भी पेराई लाइसेंस का इंतजार कर रही हैं। विधानसभा चुनाव के कारण राज्य में परे प्रक्रिया धीमी गति से चल रही थी, क्योंकि इस चुनाव में 75 से ज्यादा चीनी मिलर्स अपनी किस्मत आजमा रहे थे। उनमें से कुछ विजयी रहे जबकि कुछ को हार का सामना करना पड़ा। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब पेराई प्रक्रिया तेज हो गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सीजन के लिए 207 फैक्ट्रियों ने पेराई लाइसेंस लेने के लिए चीनी आयुक्तालय में आवेदन किया था। जिनमें से अब तक 175 फैक्ट्रियों को लाइसेंस दिया जा चुका है। 9 मिलों के आवेदनों की जांच क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक चीनी स्तर पर चल रही है। साथ ही लाइसेंस की शर्तें पूरी करने में विफल 12 चीनी मिलों को आवेदन दोबारा भेजे गए हैं। इनमें से अधिकांश चीनी मिलों को लाइसेंस नहीं दिया गया है क्योंकि उन्होंने सरकारी बकाया का भुगतान नहीं किया है। निजी मिलें लाइसेंस प्राप्त करने में सहकारी मिलों से भी आगे हैं। अब तक 83 सहकारी और 92 निजी मिलों ने लाइसेंस प्राप्त कर लिया है। 25 नवंबर के अंत तक महाराष्ट्र में 65 चीनी मिलें शुरू हो चुकी है। इसमें 29 सहकारी और 36 निजी चीनी मिलें शामिल हैं।