अमरोहा: अगले पेराई सीजन के लिए उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों में मरम्मत और रखरखाव का कार्य शुरू हो गया है। और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की 2020 – 2021 पेराई सीजन अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक शुरू होने की संभावना है। आपको बता दे इस सीजन चीनी मिलों का पेराई सत्र देर से समाप्त हुआ। लेकिन इस बार चीनी मिलों को समय पर चालू कराने की कवायद शुरू हो चुकी है। इससे सीजन समय पर संपन्न हो सके।
अमरोहा जिले में भी गन्ने सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है, और अब गन्ना सर्वेक्षण का प्रदर्शन शुरू हो गया है। गन्ना विभाग द्वारा अगस्त माह के अंत तक गन्ना सर्वेक्षण प्रदर्शन को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। गन्ना सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण होने के बाद गन्ना क्रय केंद्रों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू होगी। सितंबर के अंतिम सप्ताह या फिर अक्टूबर के शुरू सप्ताह में गन्ना क्रय केंद्र आवंटन की सूची जारी हो सकती है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, यह अनुमान है की देश में अग्रणी गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ने का रकबा 22.92 लाख हेक्टेयर तक रह सकता है, जबकि सीजन 2109-20 सीजन में 23.21 लाख हेक्टेयर था। 2019-20 सीजन की तुलना में गन्ना क्षेत्र में लगभग 1% की मामूली कमी है। लेकिन 2020-21 में ISMA उपज में मामूली वृद्धि के साथ-साथ चीनी की रिकवरी की भी उम्मीद कर रहा है। 2020-21 सीजन में उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन लगभग 123.06 लाख टन होने का अनुमान है, जो वर्तमान 2019-20 सीजन के 126.45 लाख टन (इथेनॉल में डायवर्जन के बाद) से थोडा कम होगा।
गन्ना खेती का रकबा अधिक होने और मानसून सीजन में अच्छी बारिश के चलते आगामी गन्ना पेराई सीजन 2020-21 के दौरान चीनी का उत्पादन 320 लाख टन होने का अनुमान है।
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