पुणे : राज्य के 450 से अधिक राजस्व क्षेत्रों में 1 जून के बाद से कम बारिश हुई है। चीनी आयुक्तालय के सूत्रों ने दैनिक ‘सकाळ’ को बताया कि, इस साल गन्ने का क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में 51 हजार हेक्टेयर कम हो गया है और बारिश के कारण अगला गन्ना सीजन 1 अक्टूबर के बजाय 10 नवंबर के बाद शुरू होगा। सूत्रों ने यह भी बताया कि, मंत्रियों की एक उपसमिति इस पर अंतिम फैसला लेगी।
यदि बारिश का यही रुख रहा तो गन्ने का उपलब्ध क्षेत्रफल फिर से घटने की संभावना है। इसलिए यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि, कुछ मिलें इस सीजन में गन्ना पूर्वानुमान के साथ शुरू नहीं हो पाएंगी। कुल मिलाकर बारिश की कमी के कारण इस साल चीनी मिलों का पेराई सीजन मुश्किल भरा रहने वाला है। चीनी आयुक्तालय का अनुमान है कि, इस चीनी सीजन में चीनी का उत्पादन करीब 12 लाख टन तक घट सकता है।
महाराष्ट्र में इस वर्ष स्थिति चिंताजनक है। कोल्हापुर जिले को छोड़कर, राज्य में गन्ने की फसल के लिए पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। इससे गन्ने की वृद्धि प्रभावित हुई है और इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा। कुछ जिलों में किसान पशुओं के चारे के लिए गन्ना बेचते नजर आ रहे है। ऐसे में आने वाले सीजन में मिलों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ेगी।