“कुछ चीनी मिलों के क्षेत्र में गन्ने की फसल में चोटी बेधक कीट की प्रथम पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी का प्रकोप”

मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश: अपर गन्ना आयुक्त (विकास) वीके शुक्ल ने कहा कि, चीनी मिलों के क्षेत्र में गन्ने की फसल में चोटी बेधक कीट की प्रथम पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी का प्रकोप प्रकाश में आया है। उन्होनेने किसानों से अधिक प्रभावित पौधों को खुरपी से पूरा काट कर नष्ट करने की सलाह दी।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, अपर आयुक्त शुक्ल ने कहा की, यह कीट सफेद रंग का होता है। इसके पीछे की ओर नारंगी रंग की रोयेदार संरचना पाई जाती है। यह रात्रि में गन्ने की पत्तियों के मध्य शिरा के पास 75 से 250 अंडे समूह में देता है। इस कीट की सूड़ी हल्के पीले रंग की होती है, जो पत्ती के मध्य शिरा से होते हुए आगे तक पहुंच जाती है। सूड़ी द्वारा गन्ने के गोफ को खा जाने से उसमें सड़न हो जाती है। किसान अपने गन्ने के खेतों की सुबह निगरानी जरूर करें।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, इस कीट की तीसरी पीढ़ी सर्वाधिक नुकसान पहुंचाती है, जो जून के तीसरे सप्ताह में आती है। इस कीट को काबू में करने के लिए पौधों को जमीन की सतह से सूड़ी प्यूपा सहित काटकर नष्ट कर दें। इसके बाद इमिडाक्लोप्रिड के 40 प्रतिशत रसायन को एक मिलीलीटर को प्रति लीटर पानी के साथ घोल बनाकर थोड़ा सा शैंपू मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें। पौधे के ऊपर पाए जाने वाले अंड समूह एवं सूड़ियां एवं तितलियां नष्ट हो जाती है। इस संबंध में सभी उप गन्ना आयुक्तों, सभी चीनी मिलों एवं गन्ना समितियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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