बाजार की धारणा सकारात्मक बनी हुई है. गुजरात और तमिलनाडु में चीनी की कीमतों में तेजी का रुख रहा है. महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट देखी गई है. महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों में परिवहन के मुद्दों ने बाजार को नीचे ला दिया है.
महाराष्ट्र: S/30 चीनी का व्यापार 3300 रुपये से 3365 रुपये प्रति कुंतल रहा और M/30 का व्यापार 3390 से 3525 रुपये प्रति कुंतल रहा.
कर्नाटक: S/30 चीनी का व्यापर 3300 से 3400 रहा और M/30 का व्यापार 3400 से 3550 रहा.
उत्तर प्रदेश: M/30 चीनी का व्यापार 3500 से 3530 रुपये रहा.
गुजरात: न्यू S/30 चीनी का व्यापार 3471 से 3511 रूपये रहा जबकि M/30 का व्यापार 3601 से 3651 रुपये प्रति कुंतल रहा.
तमिलनाडु: S/30 चीनी का व्यापार 3500 से 3625 रुपये रहा और M/30 चीनी का व्यापार 3650 से 3675 रूपये रहा.
(यह सभी दरें GST छोड़कर है)
इंटरनेशनल मार्केट: लंदन व्हाइट शुगर फ्रंट मंथ कॉन्ट्रैक्ट 500.20 डॉलर प्रति टन पर कारोबार कर रहा है, और यूएस शुगर फ्रंट मंथ कॉन्ट्रैक्ट 19.99 सेन्ट्स रहा.
करेंसी और कमोडिटी: रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 74.381 पर कारोबार किया और ब्रज़ीलियन रियल का व्यापार 5.4180 रहा, क्रूड फ्यूचर्स 4715 रुपये प्रति बेरल और क्रूड WTI 63.26 डॉलर रहा.
Sugarcane is the ideal crop and it’s industry is best substitute/alternative to petroleum industry. One has to handle it properly.
Right now sugar industry is uncontrolled in one way it is unattended. There should be proper national policy which can cater right decision/guidelines.
Social life of some important part of India
is really very much attached with this industry. It has strong impact on politics, social life and economics.
In India nuclear policies, defence research (and ammunition) and military is the matter of Union Government which is unbeatable.
My suggestion is there should be more attention towards sugar industry and education. This will make India number one in world as we are having ‘ancient culture’ i.e. “Wasudev Kutumbakam”