उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों को दिया हुआ डेडलाइन समाप्त होने के कगार पर; अभी भी बकाया भुगतान का ढेर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 2019-2020 पेराई सीजन की तैयारी जारों से चल रही है, लेकिन अभी तक 2018-2019 पेराई सत्र का बकाया भुगतान पुरी तरह से नही हुआ हैै। अब तो किसानों के बकाया गन्ना भुगतान ब्याज समेत करने के उच्च न्यायालय के आदेश की अवधि खत्म होने में लगभग एक सप्ताह है। किसान आरोप लगा रहे है की राज्य में कोई भी चीनी मिल भुगतान के बारे में गंभीर नही दिखाई दे रही हैै। कई जिलों में तो हालात और खराब है, शामली जिले की चीनी मिलों पर किसानों का 309 करोड़ रुपये बकाया है। इस स्थिति में मिलों द्वारा गन्ने का बकाया भुगतान होना मुमकीन नहीं लग रहा है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले सत्र का बकाया गन्ना भुगतान कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एक माह का समय दिया था। कोर्ट के आदेश की अवधि 15 अक्टूबर को खत्म हो रही है। मगर, चीनी मिले अभी तक किसानों का करोड़ों रूपये दबाए बैठी है। शामली जिल में सबसे ज्यादा बजाज समूह की थानाभवन चीनी मिल पर 165 करोड़ रुपये बकाया है। इसके अलावा शामली चीनी मिल पर 87 करोड़ और राणा समूह की ऊन चीनी मिल पर 59 करोड़ रुपये बकाया है।

शामली मिल द्वारा अभी तक 75 प्रतिशत गन्ना भुगतान हो चुका है। बजाज समूह की थानाभवन चीनी मिल के यूनिट हैड वीरपाल सिंह का कहना है कि 31 अक्टूबर तक किसानों का बकाया गन्ना भुगतान कराने के प्रयास चल रहा है। जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह का कहना है कि जिले की चीनी मिलों पर लगातार बकाया भुुगतान करने का दबाव बनाया जा रहा है। नए सत्र से पहले बकाया भुगतान करा दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सख्त चेतावनी के बावजूद मिलें भुगतान नही कर पाई है।

उत्तर प्रदेश में अभी भी लगभग 4,700 करोड़ रूपये गन्ना भुगतान बकाया है।

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