कोल्हापुर: चीनी मंडी
जिला कलेक्टर दौलत देसाई ने उन मिलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है, जो 15 जनवरी तक बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई गन्ने की फसल की पेराई में नाकाम होंगें। खबरों के मुताबिक, बाढ़ से 27,000 हेक्टेयर में गन्ने की खेती को नुकसान हुआ है, और मिलर्स ने पेराई शुरू होने के बाद अब तक केवल 4,000 हेक्टेयर बाढ़ग्रस्त गन्ने की कटाई की है। प्रो. एन डी पाटिल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल से जिलाधिकारी देसाई बात कर रहे थे, पाटिल ने किसानों से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उनसे मुलाकात की। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण बात थी, क्षतिग्रस्त गन्ने की कटाई और पेराई।
जिले में गन्ना पेराई सत्र की शुरुआत से पहले, किसान संगठनों ने मांग की थी कि, मिलर्स को बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हुई फसलों को पहले पेराई कर देना चाहिए। इसके बाद, देसाई ने कोल्हापुर जिले के मिलरों की एक बैठक बुलाई थी और उन्हें पहले क्षतिग्रस्त फसल को पेराई करने के लिए कहा था। इतना ही नही उन्होंने उन्हें दो सप्ताह में खराब हुई फसल की पेराई पूरी करने को कहा था और फिर अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले अच्छे गन्ने की पेराई शुरू करने के निर्देश दिए थे। मिलर्स भी उसके निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार हो गए थे।
देसाई ने कहा, ‘हमने पहले ही मिलर्स को खराब हुई फसल की पेराई करने के लिए कहा था। अब, हम उन्हें 15 जनवरी तक क्षतिग्रस्त गन्ने की पेराई को पूरा करने के निर्देश दे रहे है, और उन मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो आदेशों का पालन करने में विफल रहती हैं।”
आपको बता दे, अगस्त में आई बाढ़ से शिरोल तालुका में गन्ने की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई थी। किसान अब क्षतिग्रस्त गन्ने की फसल लेने के लिए मिलर्स से अनुरोध कर रहे हैं ताकि वे खेत को साफ कर सकें और रबी फसलों की खेती शुरू कर सकें।