ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और ग्वाटेमाला ने दूसरी बार विश्व व्यापार संगठन (WTO) से भारत की चीनी सब्सिडी के खिलाफ विवाद पैनल गठित करने का आग्रह किया है। पिछले महीने, भारत ने उनके अनुरोध को ब्लॉक कर दिया था।
अगली विवाद निपटान निकाय (DSB) बैठक 15 अगस्त को होनी है, जहां प्रतिद्वंद्वी देश यह साबित करने की कोशिश करेंगे कि भारत की चीनी सब्सिडी वैश्विक चीनी उद्योग को नुकसान पहुंचा रही है।
विश्व व्यापार संगठन के मानदंडों के अनुसार, भारत दूसरे अनुरोध को रोक नहीं सकता है; इसलिए, यह बैठक तय करेगी कि भारत की चीनी सब्सिडी वैध है या नहीं।
प्रतिद्वंद्वी देशों का आरोप है कि भारत की चीनी सब्सिडी वैश्विक व्यापार नियमों के साथ असंगत है और चीनी बाजार को विकृत कर रही है।
भारत ने कहा कि उसकी सब्सिडी डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुरूप है। भारतीय चीनी उद्योग पिछले दो से तीन वर्षों से विभिन्न बाधाओं से जूझ रहा है, और इस क्षेत्र को संकट से बाहर लाने के लिए सरकार ने सॉफ्ट लोन योजना, न्यूनतम बिक्री मूल्य में बढ़ोतरी, निर्यात शुल्क में कटौती, आयात शुल्क में 100 प्रतिशत वृद्धि जैसे विभिन्न उपाय उठाये हैं।
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