नई दिल्ली : निजी मिलर्स ने न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) और एथेनॉल की खरीद मूल्य में आनुपातिक वृद्धि की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया है कि, अगले सीजन के लिए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) में बढ़ोतरी के बाद चीनी उत्पादन की लागत बढ़ सकती है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पिछले सप्ताह 2023-24 सीज़न (अक्टूबर-सितंबर) के लिए एफआरपी में मौजूदा ₹305 क्विंटल से 10.25 प्रतिशत की मूल रिकवरी दर के लिए ₹315/क्विंटल तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने बिजनेसलाइन को बताया की, हम इस बात से सहमत हैं कि सरकार ने जो किया है वह किसानों के लिए अच्छा है क्योंकि इससे मिलों के लिए बेहतर गन्ना उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही, सरकार को चीनी MSP, एथेनॉल की खरीद मूल्य में वृद्धि इन दो चीजों को FRP बढ़ोतरी के साथ संरेखित करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि, चीनी के MSP को संशोधित करने की जरूरत है क्योंकि पिछले तीन वर्षों में कोई संशोधन नहीं हुआ है। नए FRP दरों से चीनी मिलों के लिए उत्पादन लागत में वृद्धि करेगा। इसी तरह, FRP के साथ तालमेल बिठाने के लिए इस संदर्भ में एथेनॉल की कीमत पर फिर से विचार किया जाना चाहिए।