पाकिस्तान में चीनी निर्यात पर रोक की मांग

कराची: सिंध ने यहां एक स्टेटमेंट जारी करके सरकार से मांग की है कि वे चीनी और गेहू जैसे आवश्यक कमोडिटीज और उनके उत्पादों की कमी होने के कारण कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए तुरंत प्रभाव से उनके निर्यात पर रोक लगाई जाए।

सिंध के कृषि मंत्री इस्माइल राहू ने एक बयान में कहा कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि गेहूं की कमी है, इसलिए इसके निर्यात पर रोक लगाई जानी चाहिए, जबकि चीनी को भी विदेशों में भेजे जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। राहू ने कहा कि चीनी की मौजूदा कमी और बढ़ती कीमतों के पीछे मुख्य कारण चीनी का एक मिलियन टन का निर्यात था।

व्यापारियों के अनुसार, हाल के हफ्तों में चीनी की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है क्योंकि अफगानिस्तान की सीमाओं के माध्यम से सैकड़ों टन चीनी की तस्करी की जा रही है। उन्होंने कहा कि होर्डर्स और अन्य सट्टेबाज भी चीनी की कीमतों को बढ़ा रहे हैं और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पाकिस्तानी व्यंजनों में आवश्यक तत्व चीनी ने पिछले एक सप्ताह में 10 रुपये प्रति किलोग्राम महंगाई दर्ज किया है। खबरों के मुताबिक चीनी की थोक दर 64 रुपये से बढ़कर 74 रूपये प्रति किलोग्राम हुई है। चीनी व्यापारी संघ के अधिकारियों ने दावा किया है कि, ‘सट्टा माफिया’ ने चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी की है। चीनी को लाहौर में 80 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा जा रहा है।

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