चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) 36 रूपये प्रति किलो करने की मांग

कोल्हापुर: चीनी मंडी

करवीर तहसील के कुडित्रे गांव में स्थित कुंभीकासारी सहकारी चीनी मिल के चेयरमैन और पूर्व शिवसेना विधायक चंद्रदीप नरके ने कहा की, पिछले दो सीजन से चीनी उद्योग बहुत बडी वित्तीय संकट में फंसा है। चीनी की खपत में गिरावट के कारण मिलें अपना कर्जा भी नही चुका पा रही है, और वह बैंको को खामका ब्याज दे रहे हैं। मिलर्स के साथ साथ गन्ना उत्पादक, चीनी श्रमिक, ट्रांसपोर्टर और व्यापारी भी परेशानी में हैं। चीनी उद्योग को बचाने के लिए, केंद्र सरकार को चीनी का न्यूनतम बिक्री मुल्य (MSP) बढाकर 36 रुपये प्रति किलो करना चाहिए। अगर सरकार ऐसे कदम उठाती है, तो फिर देश का चीनी उद्योग आर्थिक संकट से बाहर निकल सकता है।

2019-2020 पेराई सीजन के पहले 11 चीनी बैग की पूजा के वक्‍त नरके बोल रहे थे। इस अवसर पर मिल के उपाध्यक्ष उत्तम वरुटे और कार्यकारी निदेशक अशोक पाटिल उपस्थित थे। चेयरमैन नरके ने कहा कि, गिरती चीनी दरों और चीनी खपत ठंडी होने के कारण मिलों को एकमुश्त एफआरपी देते समय दबाव का सामना करना पड़ रहा है। चीनी मिलों को वर्तमान में 600 से 700 रुपये प्रति टन का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार को जल्द से जल्द न्यूनतम बिक्री मुल्य (MSP) बढाने की मांग की है।

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