पलवल: जिले के गन्ना किसानों ने सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाने की मांग की है। किसानों का आरोप है कि मिल में केवल 12 हजार क्विंटल ही गन्ने की पेराई हो रही है जबकि 19 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई होनी चाहिए थी। गन्ना किसानों ने इसे लेकर मिल प्रबंधन की ढुलमुल नीतियों के खिलाफ नारे लगाए और मिल के गेट पर धरना दिया।
गन्ना किसानों का आरोप था कि गन्ने के इस सीजन में मिल में अव्यवस्था है। मिल में पेराई तकनीकी खराबी के कारण मिल धीमी चल रही है जबकि किसानों के गन्ने खेत से निकल कर मिल तक पहुंच चुके हैं। उनकी गाड़ियां चीनी मिल के प्रांगण में खड़ी हैं। किसानों को इससे काफी परेशानी हो रही है।
किसानों ने कहा कि उन्होंने पांच लाख क्विंटल गन्ना सोनीपत औऱ महम चीनी मिल में भेजने की मांग की है। लेकिन अभी तक इसपर सुनवाई नहीं हुई है।
बकाया भुगतान भी किसानों का मुद्दा था। उनका आरोप था कि मिलें खरीदे गये गन्ने के हिसाब से राशि का भुगतान नहीं कर रहीं हैं। किसानों की मांग है की, बॉंडिंग के हिसाब से अभी तक किसानों का जितना गन्ना खरीद जा सकता था उस हिसाब से राशि का भुगतान किया जाना चाहिए।
धरना कर रहे किसानों ने कहा कि प्रदेश सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने 12 दिसंबर को गन्ना पेराई का शुभारंभ किया था, लेकिन अभी तक मिल अच्छी स्तिथि में नहीं चल पा रही है। मिलों की पेराई क्षमता भी कम है।
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