रुड़की: चीनी मंडी
चीनी उद्योग पिछले दो-तीन सालों से काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा है, लेकिन इसका सबसे जादा खामियाजा गन्ना किसानों को भुगतना पड़ रहा है। साल-डेढ़ साल काफी कठिनाइयों और मशक्कत से उगाई फसल को पेराई को भेजने के कई महीनों के बाद भी किसानों को बकाया भुगतान की राह देखनी पड़ रही है। यह स्थिती महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक के साथ साथ उत्तरांचल के किसानों की भी हुई है, लेकिन अब किसानों के सब्र का बांध टूट गया है। उत्तरांचल के गन्ना किसानों ने तो अब मिलों के चीनी की नीलामी करके बकाया भुगतान की मांग की है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में 25 अगस्त के बाद किसानों ने बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है।
साबतवाली गांव में हुई किसान क्लब की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष कटार सिंह, अशोक कुमार, मेनपाल सिंह, सतीश कुमार, विनोद कुमार, राजीव, जमशेद, ओमकुमार, सुभाष चंद्र आदि मौजूद थे। अब उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की तरह उत्तरांचल में भी गन्ना किसान आन्दोलन की आग भडकने की संभावना है।
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