मारगोवा: कांग्रेस ने मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत और सहकारिता मंत्री गोविंद गौड को लिखे एक पत्र में बताया है कि 46 साल पुरानी संजीवनी चीनी मिल को बंद करने से राज्य के किसानों को भारी नुकसान होगा। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने इस मामले को उठाया था।
उन्होंने कहा की इस मिल पर 4,000 से अधिक लोगों की आजीविका निर्भर है और इसके अलावा लाखों कई और परोक्ष रूप से इस पर निर्भर हैं। राज्य सरकार ने इस मिल में गत दिवाली के समय पेराई शुरु किये जाने का वादा किया था, लेकिन सब विफल हो गया। मिल में अबतक गन्ने की पेराई शुरु नहीं हो सकती है।
उन्होंने कहा है कि रजिस्ट्रार ऑफ को-आपरेटिव सोसायटीज के अधिकारियों ने गन्ना किसानों के संघ के साथ मिल के भविष्य के बारे में चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई थी लेकिन किसी अपरिहार्य कारणों से इस बैठक को निरस्त कर दिया गया। इस मिल को पुनर्जीवित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए क्योंकि यह किसानों और मिल के कर्मचारियों का लाइफलाइन है।
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