तितावी (मुजफ्फरनगर)। गन्ना किसानों को वर्तमान आर्थिक परिदृश्य के मद्देनजर गन्ना फसल की बढ़ती लागत को देखते हुए गन्ने का मूल्य 435 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग की गई है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा कि गन्ने की खेती पर आज प्रति क्विंटल कुल 290 रुपए की लागत आ रही है। इसके अलावा इनकी कटाई से लेकर मिलों तक पहुंचाने के खर्च किसानों के लिए बोझ बन गया है। इसलिए इसके मूल्य में इजाफा करना जरुरी है।
सिंह ने कहा कि चीनी मिलों में किसानों के बकाये बहुत हो गये हैं। सरकार को चाहिए कि वह इसका भुगतान ब्याज सहित करने के लिए मिलों को आदेश दे। किसानों के ब्याज के पैसे माफ नहीं किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश है कि 14 दिन बाद गन्ना मूल्य का भुगतान करने पर चीनी मिलों को ब्याज देना होगा।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेतृत्व में तितावी चीनी मिल के बाहर गन्ना किसानों के धरने को वीएम सिंह ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यदि चीनी मिलों भुगतान करने में आनाकानी की तो 19 अक्तूबर को हम अपनी लड़ाई मजबूत करने के लिए मुरादाबाद पहुंचेंगे। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने कहा कि सरकारों का किसानों के ब्याज का पैसा माफ करने का हक नहीं है। कोर्ट का आदेश है कि 14 दिन बाद गन्ना मूल्य भुगतान करने पर चीनी मिलों को ब्याज देना होगा।
उन्होंने कहा कि देश में पहली बार 144 साल पहले महाराष्ट्र के ज्योतिबाफुले ने किसानों का कर्ज माफ कराने के लिए ब्रिटिश सरकार को मजबूर किया था। उन्होंने कहा कि अकेले तितावी चीनी मिल पर किसानों का ब्याज का 14 करोड़ 86 लाख रुपए है। तितावी चीनी मिल के महाप्रबंधक धीरज ने कहा कि बीते सत्र के दौरान किसानों के सारे बकाये का भुगतान कर दिया गया है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार के आदेश होंगे तो ब्याज का भी भुगतान किया जाएगा।
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