कोल्हापुर: चीनी मिलें चाहती हैं कि केंद्र सरकार चीनी कीमतों में किसी भी गिरावट से बचने और कमोडिटी को उपलब्ध रखने के लिए 2024-25 सीजन में एथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध के साथ-साथ चीनी निर्यात पर प्रतिबंध हटा दे। यह मांग राज्य में कुल 207 चीनी मिलों द्वारा 2023-24 सीज़न के लिए 110 लाख टन चीनी का उत्पादन करने के बाद आई है, जबकि 2022-2023 सीज़न में 105 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। चीनी की रिकवरी दर 2022-23 सीजन में 9.98% से बढ़कर 2023-24 सीजन में 10.27% हो गई। मिलों ने 2023-2024 सीजन में 1,073 लाख टन की पेराई की, जबकि 2022-23 सीजन में 1,055 लाख टन की पेराई की।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सांगली जिले के क्रांति शुगर्स के अध्यक्ष शरद लाड ने कहा कि उनकी चीनी मिल ने 11 लाख टन गन्ने की पेराई की, जो पिछले दशक में सबसे अधिक है। चीनी उत्पादन में कमी की आशंका के चलते बाजार में पर्याप्त चीनी और स्थिर कीमतें सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात और एथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन इस साल पिछले साल के मुकाबले ज्यादा चीनी उत्पादन हुआ है, और केंद्र सरकार का अनुमान विफल हो गया। अब सरकार कम से कम हमें चीनी निर्यात करने की अनुमति दे सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी 40 रुपये प्रति किलो है। खर्चों की भरपाई करने और किसानों को अगले सीजन में अच्छा रिटर्न पाने में मदद करने का हमारे पास बस यही अवसर बचा है। लाड ने कहा, मुझे यह भी उम्मीद है कि सरकार आने वाले सीजन में एथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध हटा देगी।