बठिंडा: पुलिस ने बुधवार को धुरी के पास अलाल गांव में 70-80 किसानों को हिरासत में लेकर धुरी-अंबाला-लुधियाना खंड पर रेलवे यातायात को बाधित करने के प्रयास को विफल कर दिया। धूरी चीनी मिल शुरू करने और बकाया भुगतान की मांग को लेकर गन्ना किसानों द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान के विधानसभा क्षेत्र धूरी में रेल यातायात बाधित करने का आह्वान किया गया था।
हालांकि, कुछ देर के विरोध के बाद पुलिस ने करीब 70-80 किसानों को घेरकर रेलवे ट्रैक खाली करा लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गन्ना संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरजीत सिंह बुगरा और किसान संगठन बीकेयू एकता आजाद के अध्यक्ष जसविंदर सिंह लोंगोवाल सहित कुछ किसान नेताओं को बुधवार तड़के उनके घरों से ही गिरफ्तार कर लिया गया। कार्रवाई से गुस्साए किसान पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन किया।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बुगरा और लोंगोवाल को घेरने के बाद, कीर्ति किसान यूनियन संगरूर के जिला अध्यक्ष जरनैल सिंह जहांगीर और युवा विंग के संयोजक भूपिंदर सिंह लोंगोवाल कार्यकर्ताओं के साथ अलाल पहुंचे और उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया। संगरूर के एसपी (जांच) पलविंदर सिंह चीमा ने कहा कि, किसानों के साथ मामले को सुलझा लिया गया है और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को छोड़ दिया गया है। उच्च अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक करायी गयी है।
किसानों ने 10 से 13 दिसंबर तक मिल प्रबंधन और पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। गन्ना संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा, संगरूर प्रशासन ने हमें मुकेरियां या अमलोह चीनी मिल को गन्ना देने के लिए कहा था। हमारे विरोध के बाद, हमें आश्वासन दिया गया था कि 15 दिसंबर से धूरी चीनी मिल प्रबंधन द्वारा गन्ने की खरीद की जाएगी और वे धूरी और मुकेरियां दोनों चीनी मिलों की मुहर के साथ भुगतान पर्ची जारी करेंगे, लेकिन उन्होंने अपनी बात नहीं रखी। 21 दिसंबर को गन्ना आयुक्त (पंजाब) के साथ हमारी बैठक हुई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
किसानों ने कहा कि, खरीदे जाने वाले लगभग 6 लाख क्विंटल गन्ने में से लगभग 5 लाख क्विंटल अमलोह चीनी मिल के लिए रखा गया था, जबकि बाकी मुकेरियां चीनी मिल के लिए रखा गया था। अमलोह चीनी मिल धूरी से लगभग 70 किमी दूर है, जबकि मुकेरियां चीनी मिल 180 किमी से अधिक दूर है।