कोल्हापुर : चीनी मंडी
शुगर केन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार गन्ना पेराई को भेजने के 14 दिनों के भीतर किसानों को एफआरपी भुगतान अनिवार्य है, अगर मिलें 14 दिनों के भीतर भुगतान करने में विफल रहती है, तो मिलों को बकाया रकम पर 15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना अनिवार्य है। पिछले पेराई सीजन में कई चीनी मिल ने तय समय पर एफआरपी का भुगतान नही किया था। एफआरपी के साथ साथ ब्याज भुगतान करने में नाकाम मिलों के खिलाफ आंदोलन अंकुश और जय शिवराय शेतकरी संघठन ने संभागीय चीनी आयुक्त कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया।
2018-2019 चीनी सीजन में राज्य की कई चीनी मिलों ने समय पर एफआरपी का भुगतान नही किया था। किसान युनियनों ने इसके खिलाफ तीव्र आंदोलन भी किया था। गन्ना किसानों द्वारा आरोप है की पिछले सीजन में चीनी आयुक्त कार्यालय द्वारा एफआरपी भुगतान में देरी के चलते 82 मिलों पर राजस्व वसुली प्रमाणपत्र (आरसीसी) जारी किये गये थे। आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने भी चेतावनी दी थी की, गन्ने की आपूर्ति की तारीख से 14 दिनों के भीतर गन्ने की राशि किसानों के बैंक खाते में जमा करना आवश्यक है। चीनी मिलों को देरी होने के बाद विलंबित अवधि के लिए किसानों खाते में बकाया एफआरपी पर 15% ब्याज जमा करने के लिए बाध्य किया जाएगा। लेकिन फिर भी अभी तक कई मिल ने एफआरपी देरी से देने के बावजूद 15 प्रतिशत ब्याज नही दिया है। इस आंदोलन में धनाजी चुडमुंगे, शिवाजी माने, बी.जी.पाटिल और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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