नई दिल्ली: केंद्र सरकार, चीनी मौसम 2019-20 के दौरान चीनी का निर्यात सुगम बनाने और इस प्रकार चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार करके उन्हें चीनी मौसम 2019-20 के लिए किसानों को देय गन्ना मूल्य बकाया का भुगतान करने में समर्थ बनाने के उद्देश्य से चीनी के निर्यात पर हैंडलिंग, अपग्रेडिंग और अन्य करवाई संबंधी लागत सहित विपणन लागत तथा अंतर्राष्ट्रीय और आंतरिक परिवहन की लागत एव माल भाड़ा प्रभारों पर किये गए व्यय हेतु चीनी मिलों को सहायता प्रदान करने के लिए दिनांक 12.09.2019 को स्कीम अधिसूचित की थी।
14 सितम्बर को जारी अधिसूचना के अनुसार चीनी निर्यात सब्सिडी के लिए सरकार ने शर्तों में ढील दी है। जिससे चीनी मिलों को और राहत मिलेगी। सब्सिडी का दावा 180 दिनों के भीतर किया जा सकता है, पहले यह 90 दिनों का था।
14 सितम्बर को जारी अधिसूचना के मुताबिक, प्रत्येक ट्रांच के लिए अंतिम बिल ऑफ लैडिंग, जिसके लिए दावा किया जा रहा है, जारी करने की तारीख से एक सौ अस्सी दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। बिल ऑफ लैडिंग जारी करने की तारीख से एक सौ अस्सी दिनों के बाद लेकिन अधिकतम दो सो सत्तर (270) दिनों तक अनुमेय राशि के 10 प्रतिशत कटौती की शर्त के अध्यधीन विलम्ब से दावा प्रस्तुत करने की अनुमति होगी। बिल ऑफ लैडिंग जारी करने की तारीख से दो सो सत्तर (270) दिनों के बाद विचाराधीन माह विशेष के दौरान किये गए निर्यात के संबंध में कोई दावा अनुमेय नहीं होगा।”
“संबंधित चीनी मिल यह सहायता जारी किये जाने की तारीख से 240 दिनों के भीतर (पहले यह 120 दिन था) किये गए निर्यात के लिए निर्यात का बैंक प्रमाण-पत्र और बैंक द्वारा प्राप्त राशि की सुचना देगी। निर्धारित समय के भीतर निर्यात का बैंक प्रमाण पत्र और निर्यात के लिए बैंक द्वारा प्राप्त राशि की सुचना प्रस्तुत करने में विफल रहने से चीनी मिल को केंद्र सरकार द्वारा बाद में घोषित किसी भी अन्य स्कीम के अधीन लाभ प्राप्त करने से वारित कर दिया जाएगा और खाद्य और सार्विजनक वितरण विभाग द्वारा चलाई जा रही किसी अन्य स्कीम के संबंध में चीनी मिल को देय राशि से समायोजन करने सहित इस राशि की वसूली के लिए करवाई शुरू की जायेगी।”
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