संगरूर, पंजाब: संगरूर के धुरी स्थित भगवानपुरा चीनी मिल प्रबंधन द्वारा गन्ने की धीमी खरीद के विरोध में गन्ना किसानों ने 27 दिसंबर से मुख्य धुरी लाइन पर रेल रोको प्रदर्शन करने का फैसला किया है। भारतीय किसान यूनियन एकता (आजाद), बीकेयू (दकौंदा), कीर्ति किसान यूनियन और अन्य किसान यूनियनें गन्ना संघर्ष समिति (पंजाब) के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगी।
धुरी चीनी मिल ने इस साल 28 फरवरी को घोषणा की थी (नोटिस जारी किया था) कि, मिल अगले साल नहीं चलेगी और किसानों को गन्ने की फसल न बोने की सलाह दी थी। इस साल 27 अक्टूबर को, इसने आधिकारिक तौर पर चीनी मिल को बंद करने की घोषणा की थी, लेकिन किसानों को पूर्व-सूचना अवधि के दौरान गन्ना लेने का आश्वासन दिया था। पंजाब की चीनी मिलों में पेराई सत्र 7 दिसंबर से शुरू हो गया है। किसानों ने इससे पहले 10 दिसंबर से 13 दिसंबर तक धुरी-मालेरकोटला मुख्य मार्ग पर मिल प्रबंधन और पंजाब सरकार के खिलाफ धरना दिया था।
गन्ना संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरजीत सिंह बुगरा ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए कहा की, संगरूर प्रशासन ने हमें मुकेरियां चीनी मिल या अमलोह चीनी मिल को गन्ना देने के लिए कहा था। इसके विरोध में हमने धरना दिया था, जिसे 13 दिसंबर को तब ख़त्म लिया गया जब हमें आश्वासन दिया गया कि 15 दिसंबर से धूरी चीनी मिल प्रबंधन द्वारा गन्ना लिया जाएगा और वे धूरी और होशियारपुर के मुकेरियां दोनों नी मिलें (दोनों एक ही व्यक्ति के स्वामित्व में हैं) मुहर के साथ भुगतान पर्चियां जारी करेंगे। आज तक मिल प्रबंधन द्वारा 800 क्विंटल से अधिक गन्ने की खरीद नहीं की गयी है। 21 दिसंबर को धूरी में गन्ना आयुक्त (पंजाब) के साथ हमारी बैठक हुई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
गन्ना किसान अवतार सिंह तारी ने कहा, अब, संगरूर प्रशासन के अधिकारी किसानों को लुधियाना जिले के बुढ़ेवाल चीनी मिल, या फतेहगढ़ साहिब जिले के अमलोह चीनी मिल, या जालंधर के नकोदर चीनी मिल में गन्ना ले जाने के विकल्प दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि मिल प्रबंधन इस सीजन में भी गन्ना खरीद की अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है। किसानों का कहना है कि, खरीदे जाने वाले लगभग 6 लाख क्विंटल गन्ने में से लगभग 5.5 लाख क्विंटल अमलोह चीनी मिल के लिए रखा गया था, जबकि बाकी मुकेरियां चीनी मिल के लिए रखा गया था। मुकेरियां मिल को पूरे स्टॉक का भुगतान एक पखवाड़े के भीतर करना था।
भारतीय किसान यूनियन एकता (आजाद) के अध्यक्ष जसविंदर सिंह लोंगोवाल ने कहा, चूंकि धुरी चीनी मिल गन्ना खरीद में बहुत धीमी गति से चल रही है, इससे किसानों में घबराहट पैदा हो रही है। मिल की जिम्मेदारी थी कि वह अपने हिसाब से गन्ना लेकर संबंधित मिलों में भेजता था, लेकिन अब लगता है कि प्रशासन होशियारी दिखा रहा है और खरीद धीमी होने के कारण कई किसान खुद ही स्टॉक लेकर अमलोह चीनी पहुंच रहे हैं, लेकिन ये उचित नहीं है। किसान यह अतिरिक्त लागत क्यों वहन करें। अमलोह चीनी मिल धुरी से लगभग 70 किमी दूर स्थित है, जबकि मुकेरियां चीनी मिल धुरी से लगभग 200 किमी दूर है।
रेल रोको का निर्णय धूरी चीनी मिल परिसर में विभिन्न किसान यूनियनों द्वारा आयोजित बैठक में लिया गया। मुख्य धूरी लाइन पर रेल रोको का असर मुख्य दिल्ली रेलवे लाइन पर पड़ सकता है, यानी इस ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन आयोजित होने पर अमृतसर, लुधियाना, जालंधर और अन्य से दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनें प्रभावित होंगी।