बिजनौर : कम गन्ना आपूर्ति से चीनी मिल को पूरी क्षमता से पेराई करने में दिक्कत आ रही है। बाढ़, लाल सड़न रेटरॉट बीमारी ने इस साल गन्ना उत्पादन को काफी प्रभावित किया है। धामपुर चीनी मिल को गन्ने के कमी के चलते पेराई में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मिल क्षेत्र के 80 प्रतिशत क्षेत्रफल में गन्ने की पेराई हो चुकी है। 15 अप्रैल तक चीनी मिल का सीजन को खत्म होने की संभावना है।कम गन्ना आपूर्ति के चलते मिल प्रबंधन द्वारा 1.45 लाख क्विंटल की क्षमता से घटा कर 90 हजार पर चलाया जा रहा है, लेकिन मिल को 90 हजार क्विंटल गन्ने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, पिछले साल धामपुर चीनी मिल ने 265 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर देश में नंबर वन होने का कीर्तिमान स्थापित किया था।पिछले साल 140 दिन के पेराई सत्र में मिल ने 182 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की थी। जबकि वर्तमान में पांच लाख क्विंटल पीछे है। यानि के अब तक 177 लाख क्विंटल गन्ने की ही पेराई हुई है।
गन्ना महाप्रबंधक ओमवीर सिंह के अनुसार, पिछली बार 48 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की फसल थी।अब तक 80 प्रतिशत यानी कि लगभग 39 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खड़े गन्ने की पेराई हो चुकी है। बाकी 20 प्रतिशत की पेराई करने के लिए मिल क्षमता को घटाकर 15 अप्रैल तक पेराई सत्र चालू रखने के प्रयास में है। जिससे किसान आसानी के साथ गन्ने की बुवाई कर सके और उन्हें पशु चारे की भी कमी ना रहे। बुवाई के बारे में उन्होंने कहा, 26 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की बसंत कालीन बुवाई का लक्ष्य है। किसानों को नवीनतम गन्ने की प्रजाति के बीज से बुवाई कराई जा रही है।