पणजी: संजीवनी चीनी मिल को लेकर गोवा में राजनीति गरमा गई है। विपक्ष के नेता दिगंबर कामत का दावा है की सरकार मिल बंद कर रही है। अभी तक सरकार के तरफ से मिल बंद करने को लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। दिगंबर कामत ने कहा, सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक द्वारा संजीवनी चीनी मिल को स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की गई, जिसे गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर ने स्थापित किया था। उन्होंने आरोप लगाया की, सरकार का यह फैसला गोवा के गन्ना किसानों के हितों के खिलाफ है।
उन्होंने दावा किया की, मुझे सहयोग मंत्री गोविंद गौड द्वारा स्पष्ट रूप से आश्वासन दिया गया था कि संजीवनी चीनी मिल को बंद नहीं किया जाएगा और गन्ना किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी। यह आश्चर्य की बात है कि, सरकार ने आश्वासन पर यू-टर्न ले लिया है। मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से पूछना चाहता हूं कि, सरकार ने कोरोना वायरस संकट के दौरान अचानक ऐसा फैसला क्यूं किया।
कामत ने कहा कि, संजीवनी चीनी मिल बांदोडकर का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्होंने गोवा में स्थानीय गन्ना उत्पादकों को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए इस मिल की स्थापना की। सरकार ने किसी को विश्वास में लिए बिना इस मिल को बंद करने की घोषणा की है। कामत ने कहा, मैं गोविंद गौड से आग्रह करता हूं कि, वे संजीवनी चीनी मिल की भूमि के उपयोग के संबंध में सभी किसानों और हितधारकों को विश्वास में लें। मंत्री गोविंद गौड़ को किसी भी अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले सभी की राय लेनी चाहिए।
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