नई दिल्ली: इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा इथेनॉल को इंधन के तौर पर इस्तेमाल के लिए सीधे बिक्री की अनुमति देने के कदम से इथेनॉल की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। एजेंसी के अनुसार, दिसंबर 2015 में विश्व व्यापार संगठन की नैरोबी मंत्रिस्तरीय बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार, यह कदम चीनी उद्योग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि भारत 2023 से आगे निर्यात सब्सिडी का विस्तार नहीं कर सकता है।
सीजन 2020-21 के लिए 3 बिलियन लीटर की कुल अनुबंधित मात्रा में से, 0.8 बिलियन लीटर इथेनॉल की आपूर्ति मार्च के पहले सप्ताह तक की गई थी, जो लगभग 7 प्रतिशत के सम्मिश्रण दर का संकेत देता है। हालांकि यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड और बिहार जैसे राज्यों ने 10 प्रतिशत तक उच्च सम्मिश्रण दर हासिल की है। कुल इथेनॉल की आपूर्ति का लगभग 78 प्रतिशत गन्ने के रस या बी-भारी मोलासेस से बना इथेनॉल है। हाल ही में, केंद्र ने पहले घोषित 2030 के बजाय 2024 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने की समय सीमा तय की है।