पलवल : राज्य सरकार के स्वामित्व वाली सहकारी चीनी मिल, जिसका औपचारिक उद्घाटन 2 दिसंबर को सहकारिता मंत्री द्वारा किया गया था, तकनीकी खराबी के कारण परिचालन शुरू करने के कुछ घंटों बाद ही बंद हो गई। आपको बता दे कि, 22,000 क्विंटल की दैनिक पेराई क्षमता की घोषणा के साथ, मिल ने इस सीजन में 36 लाख क्विंटल की पेराई करने का लक्ष्य रखा है। द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बॉयलर से संबंधित खराबी के कारण मिल को दो दिन की पेराई का नुकसान हुआ है, जो लगभग 44,000 क्विंटल (440 टन प्रति दिन) है।
संयुक्त किसान मोर्चा के महेन्द्र सिंह चौहान ने दावा किया कि, बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रेल मिल के बाहर लाइन में खड़े थे। उन्होंने कहा कि, यह गड़बड़ी किसानों के हित के लिए हानिकारक साबित होगी, क्योंकि वे गन्ने में देरी के कारण रबी की फसल नहीं बो सकते हैं। चौहान ने घोषणा की कि, गड़बड़ी को लेकर किसानों द्वारा धरना शुरू किया गया है। पलवल, फरीदाबाद, नूंह और गुरुग्राम जिलों के 400 गांवों के गन्ना उत्पादकों की सेवा करने वाली यह मिल 1984 में शुरू हुई थी। इसे 2019 में 12 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अपग्रेड किया गया था और पिछले सीजन में लगभग 32 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई थी। मिल की प्रबंध निदेशक शशि वसुंधरा ने कहा कि, इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है और मिल के जल्द ही सामान्य रूप से काम करने की संभावना है।