नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) रुपये के भाव में लगातार गिरावट से निर्यातक वैश्विक बाजारों में अपने माल का सही मोल-भाव नहीं कर पा रहे हैं जिससे उन्हें अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्स (एफआईईओ) ने ये बातें कही।
संगठन के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि रुपये में गिरावट के कारण वैश्विक खरीदार सौदों की समीक्षा करने को कह रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्यातक इस कारण अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं। वे खुद का बचाव करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि उन्हें यह नहीं मालूम है कि रुपया अगले दिन कितना गिरने या चढ़ने वाला है।’’
गुप्ता ने कहा कि रुपये में गिरावट से महज 20 प्रतिशत निर्यातकों को फायदा होता है जो हेजिंग या भविष्य की विनियम दर के अनुबंधों में शामिल नहीं होते हैं जबकि 80 प्रतिशत निर्यातकों को इससे कोई फायदा नहीं है।
उन्होंने आने वाले दिनों में घरेलू मुद्रा के 67-68 रुपये प्रति डॉलर के आस-पास स्थिर होने की उम्मीद जाहिर की।