कोल्हापुर / बेलगाम: चीनी मंडी
इस वर्ष, भारी बारिश और बाढ़ के कारण, कोल्हापुर, पुणे, सतारा और सांगली जिलों में गन्ने का उत्पादन बहुत कम होने की संभावना है, जिससे अगले महीने से शुरू हो रहे चीनी सीजन में मिलों को पेराई के लिए बहुत ही कम गन्ना उपलब्ध हो सकता है। इससे मिल पूरी क्षमता से चलाने के लिए मिलों द्वारा गन्ने की मांग बढ़ सकती है, और इसका सीधा फायदा किसानों को होगा। विशेष रूप से, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रक्रिया अगले आठ से दस दिनों में शुरू होगी। इस चुनाव में अधिकांश मिलों के मालिक, अध्यक्ष चुनाव में उम्मीदवार होने की संभावना है। इसलिए, उनके द्वारा गन्ना खरीद दर में बढ़ोतरी के माध्यम से गन्ना किसानों को खुश करने का प्रयास संभव हैं। इससे महाराष्ट्र – कर्नाटक सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों को भी लाभ होगा। महाराष्ट्र में चुनावी उथल-पुथल के कारण गन्ना किसानों को ‘अच्छे दिन’ आने वाले हैं।
अगस्त में कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, सतारा, और पुणे में बड़ी बाढ़ आई, जिसने लाखों परिवारों को बेघर कर दिया। बाढ़ के वजह से लाखों हेक्टेयर कृषि फसल भी बर्बाद हो गई है। बाढ़ के कारण नदी किनारे की गन्ना फसल लगभग दस से पंद्रह दिनों से पानी के नीचें थी। मिट्टी से ढके हुए गन्ने के कारण प्रकाश संश्लेषण क्रिया बंद हो गई है, जिससे गन्ना फसल का उत्पादन कम होता दिख रहा है।
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