युगांडा: निर्यात में गिरावट से चीनी कीमतों में दबाव …

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कम्पाला (युगांडा) : चीनी निर्यात मात्रा में कमी से गन्ने और चीनी के दामों में काफी गिरावट आयी है, जो कि 128,000 युगांडा शिलिंग से लेकर 120,000 युगांडा शिलिंग तक गिरी है। मार्च 2018 में प्रत्येक 50 किलोग्राम चीनी का बैग 185,000 युगांडा शिलिंग से गिरकर अब 131,000 युगांडा शिलिंग हो गई है, जो 41 प्रतिशत की गिरावट है।

जिंजा जिले के कुछ हिस्सों में चीनी की खुदरा कीमत भी इसी अवधि के दौरान 3500 युगांडा शिलिंग से घटकर 3,000 युगांडा शिलिंग (16 प्रतिशत ड्रॉप) प्रति किलोग्राम हो गई है। युगांडा शुगर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (उस्मा) के चेयरपर्सन जिम म्वाइन कबाहो के अनुसार, वे वर्तमान में युगांडा-रवांडा सीमा के लगातार बंद होने के परिणामस्वरूप रवांडा जैसे पड़ोसी देशों को चीनी निर्यात करने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच फरवरी 2019 से सीमा बंद है। काबेहो ने कहा कि, उन्होंने केन्या को चीनी निर्यात करना जारी रखा है, लेकिन उन्हें दिए गए परमिट कम हैं और स्वीकृत होने में लंबा समय लगता है। ऐसी खबरें हैं कि सीमा बंद होने के बाद, रवांडा से युगांडा की निर्यात आय में 85 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि दोनों देशों के बीच गतिरोध के बाद रवांडा-बुरुंडी सीमा महीनों तक बंद रहती है।

2017 की शुरुआत में, एक टन गन्ने की कीमत 175,000 युगांडा शिलिंग थी और दिसंबर तक, उसी साल धीरे-धीरे 155,000 युगांडा शिलिंग तक कम हो गई थी। 2018 से, मिलर्स 128,000 युगांडा शिलिंग पर एक टन गन्ना खरीद रहे हैं, जो अब 120,000 युगांडा शिलिंग पर गिर गया है। ‘उस्मा’से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि, युगांडा ने 2016 और 2017 में क्रमशः 66,000 और 30,900 मीट्रिक टन का निर्यात किया।

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