मुंबई : चीनी मंडी
महाराष्ट्र में 2018-19 सीजन में चीनी उत्पादन सरकार और चीनी उद्योग के पहले अनुमानों की तुलना में 10% कम होने की संभावना है, कम वर्षा और सफेद ग्रब (ताम्बेरा) के कारण गन्ना उत्पादन घटने की उम्मीद जताई जा रही है।
वेस्टर्न इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (विस्मा) के अध्यक्ष बी.बी. थोम्ब्रे ने कहा की, मराठवाड़ा, सोलापुर, अहमदनगर और खांदेश क्षेत्रों में गन्ने का उत्पादन कम बारिश के कारण 15-20% गिर जाएगा, और इसकी वजह से राज्य में गन्ना उत्पादन 100 लाख टन से नीचे जाने की पूरी संभावना बनी हुई है ।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 2018-19 के अपने प्रारंभिक अनुमान में कहा था कि, देश के दूसरा सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ने का उत्पादन 107.15 लाख से बढकर 110-115 लाख टन हो जाएगा। पिछले साल की तुलना में उत्पादन में 3-7% की वृद्धि होगी।
हालांकि, सोलापुर, सांगली और सातारा के प्रमुख गन्ना उत्पादित जिलों समेत राज्य के कई क्षेत्रों में कम वर्षा और सफेद ग्रब की घटनाओं ने चीनी उद्योग और सरकार दोनों ने अपने अनुमानों में संशोधन किया है। महाराष्ट्र चीनी आयुक्त कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि, गन्ने की प्रति हेक्टर उत्पादकता, जो 90 टन थी, अब 5-10% गिरने की संभावना है। एक अधिकारी ने कहा, “हमें लगता है कि मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी की कमी, कोल्हापुर क्षेत्र में अतिरिक्त बारिश और सोलापुर क्षेत्र में सफेद ग्रब की घटनाओं के कारण पैदावार में गिरावट आ सकती है।”
हालांकि अपेक्षित गिरावट चीनी उद्योग के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है, जो अतिरिक्त चीनी उत्पादन से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है । घरेलू और वैश्विक बाजार में चीनी की कम कीमतों से आहत हुआ है, दूसरी ओर किसानों को भ इसकी वजह से भारी नुकसान उठान पड़ सकता हैं।