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तिरुपुर: चीनी मंडी
कृष्णापुरम में अमरावती सहकारी चीनी मिलें दो साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू होने जा रही हैं। मिल प्रबंधन ने किसानों के साथ इस सीजन में 1.35 लाख टन गन्ने की पेराई करने के लिए समझौते किया हैं। मिल, जो आमतौर पर तिरुपुर और डिंडीगुल जिलों में गन्ना किसानों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करती है, इस सीजन में कोमारलिंगम, कनियूर, नीकरापट्टी, पलानी, धारापुरम और पल्लदम में किसानों के साथ भी सौदे हुए हैं, जो एक साथ 3,450 एकड़ भूमि में गन्ने की खेती करते हैं। मिल में एक दिन में 1,200-1,500 टन गन्ने की पेराई करने की क्षमता है।
लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन से जुड़े कर्मचारी संघ के सचिव पी.महालिंगम ने कहा कि, सूखे के कारण, पिछले दो सत्रों में इस क्षेत्र में गन्ने की खेती नही हुई थी। इसके कारण मिल पेराई नही कर पाई थी। मिल के किसान और कर्मचारी दोनों इसकी वजह से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। हालांकि, मिल ने अन्य सहकारी चीनी मिलों से गुड़ खरीद कर इस अवधि के दौरान अल्कोहल स्पिरिट का निर्माण किया था। इससे मिल को कर्मचारियों को मजदूरी भुगतान करने में मदद मिली। अब जब पेराई शुरू हो गई है, तो चीजें जल्द ही सामान्य हो जाएंगी।
मिल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, किसानों को लगभग 2,800 रुपये प्रति टन का भुगतान किया जाएगा, जिसमें राज्य सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहन शामिल हैं, जो इस सीजन के लिए तय नहीं हैं। इस बीच, कैची सरबतरा विवासीगल संगम के जिला अध्यक्ष एम ईस्वरन ने राज्य सरकार से खरीद मूल्य में वृद्धि करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा की, सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को फसल के तुरंत बाद भुगतान किया जाए। साथ ही, सभी लंबित बकाया को तुरंत भुगतान किया जाना चाहिए।
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