नई दिल्ली: सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के डेटा के अनुसार, देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से उबर आई है। वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 0.4 फीसदी की विकास दर के साथ पॉजिटिव संकेत दिए है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली दो तिमाहियों में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट नकारात्मक रही थी। आर्थिक विकास के दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2020-21) में वास्तविक जीडीपी 2019-20 में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर की तुलना में नकारात्मक 8 प्रतिशत अनुमानित है। 2019-20 में कृषि क्षेत्र में 4.3 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 21 में 3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2021 के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में 8.4 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। अधिक चिंता की बात यह है कि व्यापार, होटल, परिवहन जैसे सेवा क्षेत्रों को 18 प्रतिशत तक अनुबंधित करने का अनुमान है। हालांकि, बिजली 1.8 फीसदी बढ़ने की संभावना है। एनएसओ के मुताबिक, कोरोना काल की पाबंदियों के प्रभाव के चलते GDP वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून पहली तिमाही में -23.9 फीसदी रही थी, जबकि दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह थोड़ी सुधरकर -7.5 फीसदी रही थी। इस तरह भारत तकनीकी तौर पर मंदी की चपेट में आ गया था।