नई दिल्ली: महाराष्ट्र में उपज में वृद्धि के बाद पेराई वर्ष 2023-24 के लिए राज्य के चीनी उत्पादन में सकारात्मक रुझान देखने की उम्मीद है। प्रति हेक्टेयर उपज में वृद्धि के कारण उत्पादन आंकड़ों में संशोधन हो सकता है। उत्पादन में वृद्धि मुख्य रूप से महाराष्ट्र के मराठवाड़ा, अहमदनगर और सोलापुर क्षेत्रों से है।
नॅचरल शुगर और एलाइड इंडस्ट्रीज के सीएमडी, बी.बी.ठोंबरे, जो महाराष्ट्र के धाराशिव और यवतमाल जिलों में दो मिलें चलाती है, उन्होंने चीनीमंडी से बात करते हुआ कहा कि उन्होंने प्रति हेक्टेयर पैदावार में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी है। उन्होंने कहा, बेमौसम बारिश राज्य के लिए वरदान बनकर आई। हमारे क्षेत्र में प्रति हेक्टेयर उपज 95 टन तक पहुँच गयी है। हमने बाद में अपने उत्पादन अनुमानों को संशोधित किया है।
ठोंबरे ने अपनी ओर से कहा कि, महाराष्ट्र में मिलों ने एथेनॉल उत्पादन में 17,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है और इस अचानक प्रतिबंध ने उनके वित्त में बाधा डाल दी है। उन्होंने कहा, हम केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और उनके सचिव से मिलेंगे और उनसे मूल एथेनॉल डायवर्सन कार्यक्रम को बहाल करने के लिए कहेंगे। मिलों का वित्तीय स्वास्थ्य और किसानों की कमाई इस पर निर्भर है।
इससे पहले दिसंबर में, केंद्र सरकार ने गन्ना रस या शुगरसिरप से एथेनॉल के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया था और मिलों को केवल बी हेवी या सी मोलासेस से एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए कहा था। हालाँकि, 15 दिसंबर को प्रतिबंध रद्द कर दिया गया और उत्पादन के लिए 17 लाख टन चीनी के डायवर्सन की अनुमति दी गई।
द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, उद्योग के सूत्रों ने बताया कि ताजा अनुमान के मुताबिक, महाराष्ट्र 90 लाख टन चीनी का उत्पादन करेगा।