चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए बनाई जा रही है कारगर नीति

कैथल (हरियाणा): हरियाणा सरकार राज्य की सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए कारगर नीति बना रही है, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी।

सहकारी चीनी मिल का निरीक्षण करने पहुंचे हरियाणा शुगरफेड के प्रबंध निदेशक कैप्टन शक्ति सिंह ने उक्त जानकारी दी और बताया कि इस नीति में मिलों में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके अतिरिक्त आय प्राप्त करने को प्रमुखता दी जाएगी। मिलों की पेराई क्षमता में सुधार किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार कैथल सहकारी चीनी मिल की पेराई क्षमता 25 हजार क्विंटल से बढ़ाकर 35 हजार क्विंटल प्रति दिन करने का प्रस्ताव पास कर चुकी है, जिसके क्रियान्वन की प्रक्रिया प्रगति पर है। उन्होंने केनयार्ड में पेराई के लिए लाए गन्ने की जांच की और अधिकारियों को चीनी की रिकवरी दर बढ़ाने के सुझाव भी दिए।

इस मौके पर मौजूद कैथल सहकारी चीनी मिल के प्रबंध निदेशक जगदीप सिंह ने बताया कि मिल ने 12 जनवरी तक 12.70 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई कर एक लाख 16 हजार 100 क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है।

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