हैदराबाद: तेलंगाना सरकार द्वारा निजाम चीनी मिल को पुनर्जीवित करने का प्रयास किये जा रहा है। इसका संकेत पंचायत राज मंत्री एराबेली दयाकर राव ने सोमवार को दिया। उन्होंने कहा कि, मिल को फिर से शुरू करने के बारे में चर्चा चल रही है। सरकार एक बार फिर इस मिल के पुनरुद्धार की संभावना पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि राज्य सरकार अब किसानों को धान की खेती कम करने और गन्ना जैसी वैकल्पिक फसलों के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है।
1937 में सातवें निज़ाम द्वारा स्थापित निज़ाम चीनी मिल को निज़ाम डेक्कन शुगर्स लिमिटेड (NDSL) के नाम से भी जाना जाता है। यह मिल तेलंगाना राज्य के निज़ामाबाद जिले के बोधन शहर में स्थित है। इसे एशिया की सबसे बड़ी चीनी मिल होने का गौरव प्राप्त था, लेकिन दशकों से मिल बंद है। अविभाजित आंध्र प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा मिल का निजीकरण किया गया था। उनके बाद वाई एस राजशेखर रेड्डी ने इसे पुनर्जीवित करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टीआरएस ने अलग तेलंगाना राज्य के आंदोलन के साथ-साथ चुनावों के दौरान सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर कारखाने को पुनर्जीवित करने का भी वादा किया था।