मरगाव: गोवा के उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि, राज्य में गन्ने के उत्पादन में पिछले कुछ वर्षों में भारी गिरावट का एक बड़ा कारण कई सरकारी एजेंसियों में तालमेल की कमी है, लेकिन अब दो साल के भीतर उत्पादन दोगुना करने का प्रयास किया जाएगा।
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कावलेकर ने कहा कि, राज्य में गन्ने का उत्पादन पहले प्रति वर्ष 90,000 टन था, जो अब 25,000 टन तक गिर गया है।उन्होंने कहा, मेरे द्वारा हाल ही में विभिन्न एजेंसियों की एक बैठक में इसके लिए विभिन्न कारणों की पहचान की गई। विभिन्न विभागों के बीच उचित समन्वय नहीं है। सहयोग, पानी, संसाधनों, कृषि और सार्वजनिक कार्यों जैसे विभागों में कोई तालमेल ही नही है और यह गन्ने में तेज गिरावट के प्रमुख कारणों में से एक प्रमुख कारण है।
कावलेकर ने कहा कि, ब्यूरोक्रेट्स और विभिन्न एजेंसियों के बीच उचित तालमेल सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के शुक्रवार को एक और बैठक बुलाई गई है। गन्ने की खेती करने वालों का मानना है कि, यदि सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करे तो वे दो साल के भीतर प्रति वर्ष 50,000 टन गन्ने का उत्पादन करने में सक्षम हैं। उन्होंने आगे कहा कि, कृषि को युवा पीढ़ी के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे ताकि कृषि को एक उद्योग के रूप में देखें और वो सक्षम बन सके। कावलेकर ने कहा कि, सरकार ने बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों के लिए मुआवजे की दिशा में धन जारी करना शुरू कर दिया है।
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