पुणे : चीनी मंडी
सहकारिता और विपणन मंत्री बालासाहेब पाटिल ने कहा की, पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण और मराठवाडा में सूखें के कारण कई मिलें पूरी क्षमता से पेराई करने में विफ़ल रही है। मिलें इसी स्थिति में भी गन्ना किसानों को एफआरपी भुगतान करने की कोशिश कर रही है। लेकिन एफआरपी मामलें में मिलों को कोई भी सहूलियत देने पर राज्य सरकार विचार नही कर रही। सहकारिता और विपणन विभाग के मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, पाटिल ने गुरुवार को ‘साखर संकुल’ में चीनी सीजन की समीक्षा की।
पाटिल ने कहा की, गन्ना किसानों द्वारा अच्छे दर की मांग होती है, और हर एक चीनी मिल फायदे में रहने के साथ साथ किसानों को ज्यादा दर देने की कोशिश करते है। अभी चीनी उद्योग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है, और इस उद्योग के स्थायी समाधान के लिए कोशिशें जारी है। चीनी निर्यात से मिलें किसानों को भुगतान करने में सक्षम हो सकती है, इसलिए निर्यात को बढ़ावा देने की हर मुमकिन कोशिश की जाएगी। गन्ना किसान और चीनी मजदूरों की समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा।
पाटील ने कहा की हर सीजन में चीनी उद्योग को विभिन्न प्रश्नों से निपटना पड़ता है और हर साल नए चुनौतियां से भी लड़ना पड़ता है। भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उससे निपटने और सक्षम करने के लिए प्रयत्न किये जाएंगे।
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