चेन्नई : द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, दक्षिण भारत के चीनी के प्रमुख उत्पादकों में से एक ईआईडी पैरी (इंडिया) लिमिटेड [EID Parry (India) Ltd] के अध्यक्ष एम.एम. वेंकटचलम ने कहा, कंपनी भविष्य में खुद को बायोएनर्जी, खाद्य और न्यूट्रिशन कंपनी के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, यह फैसला हमारी कंपनी को पारंपरिक चीनी उद्योग अलग करने में मदद करेगी और इसे अपने व्यापार मॉडल और क्षमताओं की ताकत के आधार पर प्रतिस्पर्धा करने और सफल होने के लिए सशक्त बनाएगी।
वेंकटचलम ने कहा, मुरुगप्पा समूह की कंपनी ने एक दशक पहले राजस्व में बढ़ोतरी, उपभोक्ताओं के करीब रहने और अपने परिचालन को बनाए रखने के लिए गैर-चीनी व्यवसाय को मुख्य व्यवसाय में जोड़ना शुरू किया। उन्होंने कहा, उस दिशा में उठाए गए कदमों ने समूह को एक स्पष्ट रास्ता दिया है, जिस पर अब लाभदायक और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। उनके अनुसार, विकास के लिए बनाए गए मजबूत प्लेटफार्मों के साथ रीइमेजिनिंग यात्रा अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, कंपनी एक टिकाऊ बहु-वर्षीय विकास चरण की ओर बढ़ रही है, जो एक एकल वर्टिकल (चीनी) से कई वर्टिकल (चीनी, बायोएनर्जी, भोजन और पोषण) में बदल रही है। प्रबंध निदेशक एस. सुरेश ने कहा, वित्त वर्ष 2023 के दौरान, कंपनी ने पिछले वर्ष के 26% के मुकाबले गैर-चीनी व्यवसायों से 30% राजस्व अर्जित किया है। उन्होंने कहा, नई ईआईडी पैरी का बीजारोपण वांछित दिशा में बढ़ रहा है और यह केवल समय की बात है जब अग्रिम निवेश कम हो जाएगा, राजस्व, पूंजी दक्षता और हितधारक मूल्य मजबूत होगा।