लखनऊ : लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीति गरमाई है। भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस, आरएलडी समेत सभी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे है। खासकर प्रदेश के गन्ना कटोरे में वेस्ट यूपी में इस बार कौन जीतेगा और कौन हारेगा ? इस पर सभी की नजरें टिकी हुई है। इस इलाके में गन्ना मूल्य, गन्ना बकाया भुगतान यह मुद्दे काफी महत्वपूर्ण है, जो चुनाव का सारा मूड माहोल बदल सकते है। सभी राजकीय दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिशों में जुटे है।
आपको बता दे की, बीजेपी ने 2014 में पश्चिम यूपी की सभी 16 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन एसपी, बीएसपी और आरएलडी के गठबंधन के बाद 2019 में नौ सीटों पर सिमट गई। लेकिन अब आरएलडी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया है। इस बार, बसपा अलग से लड़ रही है।
पश्चिम यूपी की गन्ना राजधानी मुजफ्फरनगर के गन्ना क्षेत्र में बीजेपी ने प्रदेश के प्रमुख जाट चेहरे, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को मैदान में उतारा है। बालियान के मुख्य प्रतिद्वंद्वी सपा के हरेंद्र मलिक हैं। यहां गन्ना मूल्य का मुद्दा काफी अहम माना जाता है। यहां के गन्ना किसान अपनी फसल के लिए और अधिक मूल्य की मांग कर रहे है। पश्चिमी यूपी में गन्ने का खरीद मूल्य करीब 370 रुपये प्रति क्विंटल है। किसान गन्ने की फसल के लिए कम से कम 400 रुपये की मांग कर रहे है। कुछ किसानों ने वर्तमान सीज़न के लंबित बकाया की भी शिकायत की।