देहरादून : केंद्र सरकार के इथेनॉल समिश्रण नीति के अनुकूल उत्तराखंड सरकार ने एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है।
अमर उजाला डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त हंसादत्त पांडेय ने कहा कि, एथेनॉल उत्पादन से चीनी मिलों के साथ साथ किसानों की उन्नति का रास्ता भी खुल जायेगा। साथ ही एथेनॉल पर्यावरण की भी रक्षा करता है, इसलिए केंद्र और सरकार द्वारा चीनी मिलों को चीनी के साथ-साथ एथेनॉल बनाने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है। मिलें एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए लोन लेंगी तो ब्याज का 50 फीसदी सरकार देगी।
चीनी आयुक्त पांडेय ने गन्ना विकास समिति लक्सर और गन्ना परिषद का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि, गन्ने के भुगतान और रिकवरी के मामले में हरिद्वार की स्थिति अन्य जिलों से अच्छी है।
भारत में एथेनॉल उत्पादन को लेकर अभी काफी चर्चा है और पिछले कुछ वर्षों में इस उद्योग में बहुत अच्छा बदलाव आया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक नवीनतम अपडेट में कहा कि एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 के दौरान एथेनॉल मिश्रण 1.53 प्रतिशत से बढ़कर चल रहे एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2020-21 में 7.93 प्रतिशत हो गया है।
आपको बता दे, सरकार के एथेनॉल उत्पादन पर जोर देने के बाद, देश में कई कम्पनियाँ उद्योग में निवेश करने के लिए इच्छुक है। हालही में कई शुगर कंपनियों ने डिस्टिलरी स्थापित करने का ऐलान किया है। सरकार का टारगेट है की 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
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