पटना: पूसा (समस्तीपुर) में राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (RPCAU) द्वारा आयोजित गन्ना पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (AIRCP) की दो दिवसीय वार्षिक बैठक संपन्न हुई। इस दौरान विशेषज्ञ द्वारा नई कृषि टेक्नोलॉजी को लागू करके गन्ने का उत्पादन बढ़ाने की अपील की। समापन भाषण देते हुए RPCAU के कुलपति पीएस पांडे ने कहा कि, भारत ने हाल के वर्षों में गन्ना अनुसंधान के क्षेत्र में बहुत प्रगति की है।
पांडे ने कहा, ”हमें भारत को दुनिया में नंबर एक स्थान पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। वर्तमान में गन्ना उत्पादन में भारत ब्राजील के बाद दूसरे स्थान पर है।” उन्होंने कहा कि, गन्ना उत्पादन से जुड़ी समस्याओं का समाधान स्थानीय मिट्टी और जलवायु की स्थिति के अनुसार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, फसलों की जलवायु-अनुकूलनशील किस्में भी विकसित की जानी चाहिए।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहायक महानिदेशक डी के यादव और गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक ए के सिंह ने भी गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न किस्मों और उचित तकनीकों पर प्रकाश डाला। गन्ना अनुसंधान केंद्र, लखनऊ के निदेशक, आर विश्वनाथन ने कहा कि, गन्ने की 144 किस्मों को AIRCP के माध्यम से विकसित किया गया है और उनमें से 82 को देश के विभिन्न हिस्सों में व्यावसायिक खेती के लिए केंद्रीय किस्म रिलीज समिति (सीवीआरसी) द्वारा जारी और अधिसूचित किया गया है।