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नई दिल्ली 28 मई: केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि वर्तमान सरकार का ध्यान युवाओं को उद्यमशील बनाकर आत्मनिर्भर बनाने की ओर है। उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर से लोक सभा चुनाव जीतकर आयी साध्वी ज्योति ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यूपी की दो तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर है और मेरा संसदीय क्षेत्र गन्ना उत्पादक जिलों में शामिल है। यहाँ के अधिकांश किसान गन्ना की खेती करते है। लेकिन स्थानीय गन्ना माफ़िया की सांठगाठ के कारण गन्ना किसानों को अक्सर गन्ना ख़रीद केन्द्रों पर सस्ते दामों मे गन्ना बेचना पड़ता है, परिणामस्वरूप उन्हें लागत का सही मूल्य नहीं मिल पाता है।
साध्वी ने कहा कि इस समस्या के निदान के लिए सरकार गन्ना बैल्ट में खाद्य प्रसंस्करण से रोज़गार के अवसर मुहैया करवाने के लिए गन्ना प्रसंस्करण यूनिट लगाने की योजना पर काम कर रही है। शहरों में जहाँ हम फ़ूड पार्क बना रहे है वहीं गाँवों में युवाओं के लिए स्थानीय उद्योग लगा रहे है। मंत्री ने कहा कि यूपी के 25-30 जिलों में गन्ने कि बम्पर खेती होती है। इसलिए यहाँ गुड एवं खांडसारी उद्योग के विकास के लिए काफ़ी संभावनाएँ है। जो ग्रामीण युवाओं के लिए रोज़गार का बड़ा ज़रिया हो सकता है।
मंत्री ने कहा कि गुड एवं खांडसारी उद्योग लगाने में खादी और ग्रामोद्योग आयोग वित्तीय मदद करता है, वहीं गन्ना क्रशर के लिए भी सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जा रही है। मंत्री ने कहा कि गावों में चीनी के बजाय लोग गुड़ खाना ज्यादा पसंद करते है इसलिए गुड व खाडंसारी की खपत भी यहाँ आसानी से हो जाती है। कम पढ़े लिखे युवा इस उद्योग से घर बैठे खांडसारी उद्योग लगाकर 10-15 प्रतिशत लाभ कर सकते है।
मंत्री ने कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों की ढेर सारी चिंताएं होती हैं। लेकिन वे अगर चीनी मिल मालिकों को गन्ना बेचने की बजाय इससे गुड़ तैयार करने पर ध्यान देंगे तो उन्हें अधिक लाभ होगा।
मंत्री ने कहा कि इस उद्योग के लिए महज़ 25 फीट X 40 फीट का शेड की ज़रूरत होती है। 70-80,000 रुपयों में आरंभिक काम शुरु किया जा सकता है। लघु स्तर के काम के लिए इंजन, कोल्हू और पैकिंग मशीन खरीदने के 3 लाख रुपये और शेड तैयार करने के लिए 1 लाख रुपये की ज़रूरत होती है । इसके लिए सरकार द्वारा वित्तीय मदद भी आसानी से मिल जाती है ।
साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि आने वाला वक़्त ख़ाद्य प्रसंस्करण का है, इस क्षेत्र में रोज़गार भी है और कारोबार भी। भारत के निर्यात में खाद्य प्रसंस्करण का हिस्सा 13 फ़ीसदी है एेसे में खांडसारी से लोकल युवाओं को रोज़गार मिलेगा तो किसानों को लागत का सही मूल्य व आढ़तियों व्यापार और कारोबार बढ़ेगा ।