नई दिल्ली : चीनी मंडी
कोरोना महामारी के कारण चीनी मिलों की परिचालन लाभ में गिरावट और कर्ज में बढ़ोतरी से चीनी मिलों की क्रेडिट क्वालिटी पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। क्रिसिल रेटेड 26 चीनी कंपनियों के विश्लेषण के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है। इन 26 मिलों पर 31 मार्च, 2020 तक 11,000 करोड़ का कर्ज है।
क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक, महामारी के जारी संकट के बाद चीनी के औद्योगिक उपयोग में कमी, इथेनॉल के लिए कम मांग और निर्यात में गिरावट के कारण घरेलू चीनी मिलों का परिचालन लाभ 150-300 basis points (bps) घटकर 7.5-9.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद चीनी की बिक्री में गिरावट ने चीनी उद्योग में नकदी संकट पैदा कर दिया है। जिसके कारण चीनी मिलें भी गन्ना किसानों का भुगतान करने में विफल रही है। होटल और रेस्तरां सहित सभी खाद्य दुकानें बंद है। ऐसी स्थिति में, कन्फेक्शनरों, बेकरी निर्माताओं और कोल्ड्रिंक्स कंपनियों जैसे चीनी के बड़े खरीदार खरीदारी नहीं कर रहे है।
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