अहमदबाद: गुजरात में इस सीजन चीनी उत्पादन में गिरावट का अनुमान है। इसका कारण मॉनसून की लंबी अवधि और मिलों में गन्ने की पेराई देर से शुरू होने को बताया जा रहा है।
जानकारों के अनुसार, लंबे समय तक चले बारिश के मौसम के कारण गन्ने की फसल प्रभावित हुई, जिससे सीजन 2019-20 में राज्य में चीनी के उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के आकोड़ो के मुताबिक 15 दिसंबर तक गुजरात में कुल 15 मिलें चालू थीं, जिनमें केवल 1.52 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हो सका, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह लगभग इसका दुगना (3.10 लाख टन) था। ISMA के अनुसार, राज्य में मानसून के बाद की बारिश की वजह से गन्ना पेराई सीज़न का देर से शुरू होना उत्पादन में भारी गिरावट का मुख्य कारण रहा।
फेडरेशन ऑफ़ गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ (FGSCSF) के पूर्व अध्यक्ष मानसिंह पटेल के मुताबिक गन्ने की पेराई अक्टूबर में शुरू होती है, लेकिन इस साल यह नवंबर में शुरू हुई। जिसके वजह से चीनी। यही कारण है कि पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले उत्पादन में गिरावट आई है।
बारिश ने न केवल पेराई सत्र में देरी की बल्कि गन्ने की फसल पर भी असर डाला है। गन्ने की कम पैदावार होने के चलते, चीनी उत्पादन पर भी असर होगा।
FGSCSF के उपाध्यक्ष, केतनभाई पटेल, ने कहा की, “चीनी का उत्पादन 15-20% तक कम होने की उम्मीद है। हमारा अनुमान है कि 2019-20 सीज़न में यह लगभग 9-9.5 लाख टन होगा।”
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