नई दिल्ली: तेल विपणन कंपनियों (OMC) ने ESY 2024-25 के लिए लगभग 916 करोड़ लीटर डिनेचर्ड अनहाइड्रेस एथेनॉल की आपूर्ति के लिए बोलियाँ आमंत्रित की हैं। निविदा दस्तावेज़ में उल्लेख किया गया है कि, बोलीदाताओं को इस मात्रा बोली में 1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 की अवधि के लिए फीडस्टॉक के अनुसार – तिमाही के हिसाब से OMC की आवश्यकता के अनुसार उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली एथेनॉल की मात्रा KL में उद्धृत करनी होगी। बोलियों की वैधता 31 जुलाई, 2025 तक होगी। दीर्घकालिक एथेनॉल खरीद नीति के अनुसार ESY 2024-25, 1 नवंबर 2024 – 31 अक्टूबर 2025 की अवधि के लिए मात्रा बोलियाँ पंजीकृत बोलीदाताओं के लिए खोली जा रही हैं।
अवधि इस प्रकार होगी:
ESY तिमाही 1 (Q1): नवंबर 2024, दिसंबर 2024 और जनवरी 2025
ESY तिमाही 2 (Q2): फरवरी 2025, मार्च 2025 और अप्रैल 2025
ESY तिमाही 3 (Q3): मई 2025, जून 2025 और जुलाई 2025
ESY तिमाही 4 (Q4): अगस्त 2025, सितंबर 2025 और अक्टूबर 2025
निविदा दस्तावेज में लिखा है की, विभिन्न फीड स्टॉक जैसे कि गन्ने का रस, चीनी, चीनी सिरप/बी हैवी मोलासेस/सी हैवी मोलासेस/क्षतिग्रस्त खाद्यान्न/मक्का से उत्पादित इथेनॉल को OMC द्वारा खरीदा जा रहा है और इसका उल्लेख मात्रा बोली फॉर्म में किया गया है। बोलीदाताओं को संबंधित अवधि के लिए संबंधित फीडस्टॉक के तहत अपनी कुल मात्रा की पेशकश करनी चाहिए। ESY के लिए बोलीदाता द्वारा पेश की गई कुल/संयुक्त मात्रा उनकी कुल लाइसेंस प्राप्त उत्पादन क्षमता से अधिक नहीं होगी।
इसमें आगे कहा गया है, ईएसवाई 2024-25 के लिए, तेल विपणन कंपनियां गन्ने के रस/चीनी/चीनी सिरप, बी-हैवी मोलासेस, सी-हैवी मोलासेस, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न और मक्का से प्राप्त इथेनॉल को ईएसवाई 2023-24 के लिए प्रचलित दरों (प्रोत्साहन राशि सहित) पर तब तक खरीदेंगी, जब तक कि इन दरों को तेल विपणन कंपनियों/भारत सरकार द्वारा संशोधित नहीं कर दिया जाता।
देश ने 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है। अगस्त में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 15.8 प्रतिशत तक पहुंच गया और नवंबर 2023 से अगस्त 2024 तक संचयी इथेनॉल मिश्रण 13.6 प्रतिशत रहा। 2025 तक 20% मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, लगभग 1016 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता है और अन्य उपयोगों सहित एथेनॉल की कुल आवश्यकता 1350 करोड़ लीटर है। इसके लिए, 2025 तक लगभग 1700 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादन क्षमता की आवश्यकता है, बशर्ते कि संयंत्र 80% दक्षता पर काम करे।डीएफपीडी के अनुसार, भारत की एथेनॉल उत्पादन क्षमता 2017-18 में 518 करोड़ लीटर से बढ़कर 2023-24 (31 अगस्त 2024 तक) में 1,623 करोड़ लीटर हो गई है, जो हरित भविष्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।