नई दिल्ली : भारत सरकार ने पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण करने के अपने लक्ष्य को 2030 से 2025 तक आगे बढ़ाया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मिजोरम, आइजोल के वैज्ञानिकों के एक समूह ने 2030 में पेट्रोल और एथेनॉल की मांग का अनुमान लगाने के लिए सांख्यिकीय तरीकों का इस्तेमाल किया है। उनके अध्ययन में विभिन्न रैखिक और गैर-रैखिक प्रतिगमन मॉडल का उपयोग किया गया है, साथ ही ऑटोरेग्रेसिव इंटीग्रेटेड मूविंग एवरेज (ARIMA) मॉडल विकसित किए गए हैं और भारत में गैसोलीन की मांग के पूर्वानुमान के लिए उनकी तुलना की गई है। इसके लिए 1997 से 2021 तक ऐतिहासिक गैसोलीन खपत डेटा का उपयोग किया गया था। इस अध्ययन के अनुमान के अनुसार, देश में 2030 में गैसोलीन की मांग 56,236.632 मिलियन लीटर होगी, और 20 प्रतिशत के सम्मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए 11,247.326 मिलियन लीटर एथेनॉल की आवश्यकता होगी। हालांकि, मौजूदा घरेलू एथेनॉल उत्पादन लक्ष्य से काफी पीछे है।
अध्ययन में कहा गया है की इसलिए, अगर घरेलू एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रभावी उपाय नहीं किए गए तो एथेनॉल की भारी कमी का अनुभव होगा।